तुमसे क्या माँगे? सब कुछ तो तुने दिया है।
तुमसे क्या कहें? सब कुछ तो तुमसे न छिपा है।
तुमसे क्या छुपायें? सबकुछ तो आखिर तेरा है।
तुमसे क्या खामोश रंहे? रे बिना तेरे न, कोई मेरा है।
तुमको क्या दूर समझें? तेरे बिना और कोई न नजदिक है।
तुमसे क्या रुठ जाएँ? हर हकिकत मे तू ही तो सच्चा साथी है।
तुमसे क्या शिकवे करें? हर हाल में तू ही तो ख्याल रखता है।
तुमसे क्या ख्याहिश रखें? सब कुछ तो तू ही ध्यान रखता है।
तुमसे क्या अलग रहें? हर कण कण में तू ही तो बसा है।
तुझसे क्या दिल के हाल कहें? ये हाल में तूने ही तो रखा है।
- डॉ. हीरा