प्यार के दीवाने हम बने,
तेरे प्रेम के मस्ताने हम बने।
इस मदहोशी के माहौल के परवाने हम बने,
तेरे ईश्क में फना हम हुये।
दीवानगी के नशे में हम डूबे,
परवानगी के बादल तो अब हटे।
ज़िदादिली के मुकाम पर हम पहुँचे,
तेरे मतवाले अंदाज पर फिदा हम हुऐ।
गमें-ए-ईश्क के चिंगारी अब बुझे,
फितरत-ए-नूर के जश्न अब सजे।
गालीबों के दास्तान अब मिटे,
तेरे ही नाम के हम उजाले बने।
- डॉ. हीरा