खामोशी से जीना आता नहीं,
मनमौजी के बिना रहा जाता नहीं।
ऐशोआराम के बिना कुछ सुझता नहीं,
जिद़गी का दाव खेलना आता नहीं।
ज्ञान में उलझे, बिना रहते नहीं,
उलझन के बिना समझ आती नहीं।
सिधी-सादी जिंद़गी जीना आता नहीं,
हर वक्त गुस्सा करना अच्छा नहीं।
ध्यान मे मौज अच्छी नही,
ख्वाहीशों में जीना, यह कोई राह नहीं।
मंजिल की तलाश अबतक की नहीं,
अपने आप से निकलना आता नहीं।
- डॉ. हीरा