तेरे नाम के जाम पिलाए जा,
तेरे प्रेम में हमें डुबोये जा।
तेरे एहसास में हमें जगाए जा,
तेरे खेल में हमारा वजूद हमसे भुलाए जा।
तेरे दिदार में हमें आराम दिए जा,
तेरे सजदे में अपना बनाए जा।
तेरे इशारे पर हमें चलाए जा,
तेरे ही प्यार में हमें बुलाए जा।
तेरे ही गीत होंठों पर सजाए जा,
तेरे ईश्क में हमें पागल बनाए जा।
इस वजूद को तू अब मिटाए जा,
अपनी आरजू में हमें तू सजाए जा।
- डॉ. हीरा