सातवी सीढ़ी रंग दे प्यारे प्रभु, भक्ति कर ले प्यारे।
विचलित मन को छोड़े है, वो ही मन पर काबू पाए है।
ध्यान रब दा जो करे है, वो ही प्रभु का ध्यान पाए है।
जो शव में शिव को जाने है, वो ही माया से बाहर आये है।
जो शीतल प्रेम बरसावे है, वो ही अस्त्र शस्त्र त्यागे है।
जो क्षमा याचना स्वीकारे है, वो ही महान आत्मा बने है।
जो कर्मो को सब हरि पर छोड़े है, वो ही कर्म मुक्त होवे है।
- डॉ. हीरा