उडा जो, खोए खुद को, सब राज वो जाने;
रब को याद रखे जो कोई, रब तोहे काम आवे हैं।
राम रहीम को जो जाने हैं, वो नाद ब्रह्माण्ड को जाने हैं;
सर्व धर्म स्वीकारे है, वो रब की बानी जाने है।
जग, रोग की पीड़ा हरे हैं, वो जाने पीर फ़कीर माने है।
जो ध्यान खुद के खोए है, वो खुद को ही भूले है।
जो प्रेम सहु को करे है, वो ही खुदा को प्रेम कर सके है।
जो ध्यान, चित्त प्रभु भक्ति सा राखे हैं, वो ही परमात्मा को पाए है।
- डॉ. हीरा