खुशी मिले या गम, जीवन तो जीना ही पड़ेगा।
प्रेम मिले या शांति, ईश्वर को पाना ही पड़ेगा।
धर्म पर चले या आध्यात्म पर, पर इनकों समझना होगा।
चेहरे दिखे या ईच्छाएँ, जीवन में सब को समझना होगा।
समय मिले या एकांत, प्रभू को तो मिलना होगा।
आनंद मिले या शरण, प्रभू के चरणों में झुकना होगा।
चोरी से या सीना जोरी से, अपने आप से मिलना होगा।
वजूद खोए या वजूद पाएँ, शब्दों के खेलमें जीतना होगा।
घड़कन में समाएँ या यादों में समायें, अपने आप को समर्पित करना होगा।
- डॉ. हीरा