जब साँसों की माला रुकती है, तब जीवन थम सा जाता है।
जब प्रेम अंतर में जागता है, तब जीवन तो खिल सा जाता है।
जब ज्ञान परिवर्तन लाता है, तब जीत में रीत आ जाती है।
तब आज्ञा में विश्वास शामिल होता है, तब अंधकार सब हट जाता है।
हर एक इंसान में जब ज्ञान का प्रवेश होता है, तब ही तो जागृति कुदरत में छाती है।
धर्म में जब कृपा बरसती है, तब ही अंधकार में प्रकाश फैलता है।
इस जीवन में जब तड़प उठती है, तो ही दिल की पुकार वह सुनता है।
अर्जी हमारी बस एक ही है, ऐ खुदा, तेरे में ही अब बस जाना है।
- डॉ. हीरा