तेरी याद में सब कुछ भूल गए हम, क्या ये मेरा गुनाह है?
तुझको ही हर वक्त देखना चाहते हैं हम, क्या ये…
तेरे प्यार में इस जहान को भूल गए हम, क्या ये…
बेचैन हो गए हम, तेरे दर्शन के लिए, क्या ये…
तू हो सदा सामने मेरे, यही तमन्ना, क्या ये…
न चाहिए हमें कुछ तेरे सिवा, क्या ये…
तड़प उठे हम तेरी एक झलक के लिए, क्या ये…
न इस दुनिया में रह सके, न इस दुनिया में जी सके, क्या ये…
न हम कोई कर्म कर सके, न कोई जिम्मेदारी निभा सके, क्या ये…
बेबस हो गए हम तेरे ख्याल में, न कुछ सोच सके, क्या ये…
- डॉ. हीरा