ऐ खुदा! हमें तेरे पास बुलाकर तेरे जैसा बनाना,
न कमज़ोर हमें रहने देना (2)
आएगी ज़िंदगी में तूफान भरी बारीश, न कमज़ोर…
सामना कर सकें ज़िंदगी में हँसके, न कमज़ोर…
झेल सकें हम सारी मुसीबत खुले मन से, न कमज़ोर…
ठोकर लगे चाहे ज़िंदगी में हमें, तुझे याद करके सह लें हम, न कमज़ोर…
माँगते माँगते, माँगने की न आदत बन जाए, न कमज़ोर…
आदत से न हो हम मजबूर, हो खुद पे काबू, न कमज़ोर…
न खुद की हालत पे रोना आये, न खुद पे तरस खाए, न कमज़ोर…
सब कुछ है तेरा और तू है मेरा, ये मान के चले हम, न कमज़ोर…
तेरी आशिकी में खुद को भुला दें हम, न कमज़ोर…
- डॉ. हीरा