शिव बावरी मैं हो चली,
शिव की दुनिया मैं तो चली।
शिव ही मंज़िल है मेरी छवि,
शिव ही मूर्त है मेरी दिल लगी।
शिव को प्रित है मेरी हँसी,
शिव की बारात है मेरी ख़ुशी,
शिव की बानी है मेरी शायरी,
शिव की जीनत है मेरी तारीफ़।
शिव की पूजा है मेरी दुआ,
शिव की बुनियाद है मेरा जहान,
शिव की लीला है मेरा दस्तूर,
शिव की साधना ही है मेरा जुनून।
- डॉ. हीरा