सत्य से भरी ये दुनिया में न एक सत्य मिला।
प्यार भरी इन वादियों में न एक सच्चा प्यार मिला।
खुशी से लहराती इन कलियों में न एक इन्सान खुश मिला।
झूमती हुई इस नशीली शमां में न एक प्रेमी मदहोश मिला।
भक्तों से भरे तेरे दरबार में प्रभु न एक सच्चा भक्त मिला।
शेरो से भरी इस जहान में न एक ऐसा जांब़ाज मिला।
लहरों से भरे सागर में न कोई ऐसा विशाल दिल मिला।
कृपा से भरे हुए इस संसार में न एक ऐसा दयावान मिला।
कि इन्सानो से भरे इस जहान में न ऐसा एक इन्सान मिला,
जो इन सारे गुणों को समा ले न तेरे जैसा प्रभु कोई और मिला।
- डॉ. हीरा