समझा के हमें, तु गोदी में हमें सुला रहा है प्रभु,
कि संतान हैं तेरे, अब अमर प्रेम में झुला रहा है रे प्रभु।
खुशी ना समा सके, इतने आंसू बहा रहा है प्रभु,
कि अपने अश्रु से प्यार कर रहा है रे मेरे प्रभु।
परीक्षा भी लेगा तूम हमारी, ये बता रहा है प्रभु,
कि तैयार रहे हम तेरे प्यार में, जीत कर तुझे पाये रे प्रभु।
इतना विश्वास है हमपर रे तेरा, मेरे मीठे प्रभु,
के सारी पलें भुल गए हम, सिर्फ तुझमें समा गए प्रभु।
फिर तू ही गुरु और तू ही है शिष्य रे मेरे प्रभु,
जब तुझ में मिल जाएंगे रे हम, मेरे प्रभु।
- डॉ. हीरा