फ़रियाद करना चाहते हैं तुमसे इतना कि फ़रियाद ना हम कर सके।
प्यार तुमसे करते हैं हम इतना कि प्यार हम जता ना सके।
हाल ये कैसा कर दिया है आपने हमारा कि ये हाल हम झेल न सके।
रो पड़े हम तेरी याद में इतना फिर भी तुम्हें पास बुला न सके।
झूम रहे हो प्यार में तुम इतना कि भूल गए तुम हमें, न हम खो सके
नाराज़ होना चाहा हमने इतना पर तुमसे हम न रूठ सके।
मज़बूरी है ये तुम्हारी, कि पास तुम हमें बुला न सके।
बेबस होके हम तेरी साँसों में भी खुद को न भुला सके।
न कुछ भूल सके, न कुछ याद रख सके, बस तेरा नाम ही ले सके।
बुला अब हमें तेरे पास ऐ खुदा कि अब हम दूर न जी सकते।
- डॉ. हीरा