प्यार करना चाहा तुझे प्रभु पर हम प्यार ना कर सके,
सिर्फ अपनी चाहत को ही हम आह्वान कर सके।
क्या तू चाहता है, वो न हम कभी कर सके,
सिर्फ हमारी ही जिद को हम पूरी कर सके।
प्यार में न हम देना सीख सके,
सिर्फ लेना और लेना, प्यार की हम तौहिन करते रहे।
तेरे प्यार का हम ऐतबार ना कर सके,
सिर्फ उसको बदनाम कर सके।
प्यार में ना हम सब कुछ अपना भुला सके,
कि प्रभु न अब तक हम तुझसे प्यार कर सके।
- डॉ. हीरा