दया बरसे तेरी आँखों से, सिर्फ प्रेम का अमृत बरसे,
सबको आशीर्वाद देती, ऐसी कृपा तेरी हम पे बरसे।
जग में तेरे गुण गान में सब है रास खेलते,
नौ गुणों वाली, नौ दिन हम तेरा ही नाम लेते।
फिर भी दिल में सदाएँ रहेती, ऐसी तू प्रेम बरसाए,
के मिलने तुझसे, दर्शन तेरे मिलन के लिए, ये जीया तरसे।
शक्ति भी तू और ज्ञान की माता भी तू, हम ये समझते,
लक्ष्मी बनकर हमारे घर में तू है बसती।
पर प्रेम की गलियों में सर्व तू बसती,
ऐसी कोमल तू माँ के तू ही सर्व जहान में बसती।
- डॉ. हीरा