पूजा करत हम तेरी माता, जियरा हमरा प्रेम से उभरे,
कोमल तेरी अखियाँ बोले, आशीर्वाद हमपे तोरी बरसे।
पायल की झंकार हम सुनयो, कि जियरा हमरा तरसे,
दर्शन तोरा हम चाहें, वानी हमरी अब बोले।
ध्यान तोरा हम करयो, बेकरार तोरा हम राह जोतें,
सुकून हमने ऐसो पायो, जियरा हमरा अब रास नाचे।
तू ही हमरा ऐसो नचयो, के ये जग अब गोल गोल घूमे,
फुटे सारे भ्रम हमरे, जो तोरा प्रेम हमें है मिलयो।
दृष्टि हमरी तू यूँ बदलयो, कि सच्चा घर अब हम है जानी,
तोरी शरण में हम हैं आयो, स्वीकार तू हमें अब करयो।
मंजिल हमरी तू ही बनजो, जीत अब तू हमे दिलयो।
- डॉ. हीरा