जिंदगी में ऊँचा उठने के लिए उसका दर्द झेलना पड़ता है,
उसी से पार निकल के आगे चलना पड़ता है।
पर क्या दर्द सहन न करके, आगे नहीं निकल सकते हम?
सवाल ये आया, जब दर्द का अहसास हुआ हमें अब।
सोचा था कि सीधे रास्ते से ही निकलने में सब कुछ मिलता है,
पर ये न मालूम था कि दर्द से गुजरना भी करना पड़ता है।
प्यार की राह में निकल पड़े, बस प्यार करने के लिए हम,
मालूम न था कि तड़प और दर्द भी शामिल है उसमें तब।
पर ऐसी तडप में भी सुकून मिल पाया हमें अब,
कि बदल गए हम, इस दर्द में हम प्यार करना सीख गए अब।
- डॉ. हीरा