मधुर सा ये तेरा संग, झूमे हम तेरे संग हरदम,
मेघधनुष में खिले हर रंग, गाए जीवन के मधुर स्वर हरदम।
मोरनी नाचे रे फैले उसके पर, झूमें खुशी में देख ये सुंदर पल,
भीगे सावन में छाए खुशी के पल, स्थिर रहे ये सुंदर पल।
प्यार का राही भी जीए ऐसे पल, जब पीऐ वो प्यार का अमृत जल,
प्यासे की प्यास न अब रहे कोई पल, अब झूमे प्यार से वो सुंदर मन।
झील की शीतल बिंदु में खिले एक कमल, भीगी ऋतु में महके हर पल,
कोयल सी बोली भी गाए उस पल, झूमे ये समां नाचे अब गगन।
कानहा भी नाचे, मुरली बजाए संग, ताल सुर का अब होगा संगम,
ये है प्यार का अनमोल रत्न, एक हैं सब, जब खोए सब तन-मन।
- डॉ. हीरा