कोई जीता तो कोई हारा, यह ही है ब़ाजी जिंदगी की,
चैहरे अनेक पर आत्मा एक, यह ही है जादू जिंदगी का।
रिश्ते अनेक पर प्यार सिर्फ एक, यह है सत्य ज़िन्दगी की,
प्रभु हैं एक पर उपकार अनेक, य ही है मूल जिंदगी का।
राहें अनेक पर मंजिल सिर्फ एक, यही है रास्ते जिंदगी के,
कि फासले बहुत पर नजदिक मंजिल एक, यही है जंग जिंदगी का।
अमीर है एक, फिर भी गरीब अनेक, यही है कड़वा सच्च जिंदगी का,
मानव अनेक, प्रभु सिर्फ एक, यही है खेल जिंदगी का।
कि चाहें हर एक, पर पाये सिर्फ एक, यही है प्यार जिंदगी का,
कि प्रभु है एक, पाये उसे हर एक, यही है खाहिश जिंदगी की।
- डॉ. हीरा