ज्योतिष शास्त्र है बड़ा मजेदार. ग्रहो पर लेकर चलता है बार बार।
उसका विज्ञान है कुछ अलग, न जानता हर कोई क्या है अलग।
रह्स्य है वह ईश्वर की शक्ति का, रहस्य है आने वाले समय का।
जो उसे सही तरह से प़ढ़ सकता है, वह सृष्टि के नियमों को समझ सकता है।
जो उसमें डूब जाते हैं, उनकी भविष्यवाणी भी डूब जाती है।
इन ग्रहो की क्यों स्थिति बदली, किस विचारधारा से उनसी जगह बदली?
जो अपने अंदर है, वह ही इस जग के भीतर है।
अपने विचार ही अपनी अवस्था बदलते हैं, वैसे ही सृष्टि में विचरते ग्रहों के प्रभाव को बदलते हैं।
और हम कहते हैं कि ग्रहों की वजह से विचार बदलें।
ग्रह तो सिर्फ सकेंत देते हैं, जो सृष्टि में बदलाव है वह वो इस सृष्टि की विचारधारा से है।
- डॉ. हीरा