जब तेरा नाम लिया, तब तुझे पाया।
जब तेरा एहसास हुआ, तब तुझे पूजा।
जब तुझे याद किया, तेरा एतबार हुआ।
जब तुझमें खुद को खोया, तो खुदा का जन्म हुआ।
जब तुझमें दिल झूमा, तब तरंगें प्रेम की मिलीं।
जब तुझमें शरीर भान भुला, तब ही तो सब जगह तुझे देखा।
जब आँख बंद की तुझे पाया, जब आँख खुली तुझे वापिस पाया।
जब तुझमें जागृति मिली, तब ही तो तुझमें एकता का अहसास मिला।
जब तुझे आकार में देखा, तेरे निराकार स्वरूप का दर्शन हुआ।
जब तुझे यहाँ देखा, हर जगह बस तेरा ही दर्शन हुआ।
- डॉ. हीरा