इस दुख भरी दुनिया में, एक बूंद सुख का मिल जाए, यह ही है खाहिश सबकी।
इस मतलब से भरी दुनिया में, प्रभु तू मिल जाए, यह ही है ख्वाहिश मेरी।
इस लड़ाइयों से भरी दुनिया में, एक क्षण शांति का मिल जाए, यह ही है ख्वाहिश सबकी।
इस झगड़ो से भरी दुनिया में, तेरी मुस्कुराहट की झलक मिल जाए, यह ही है ख्वाहिश मेरी।
इस कायरों से भरी दुनिया में, एक क्षण आज़ादी का मिल जाए, यह ही है ख्वाहिश सबकी ।
इस अंधकार भरी दुनिया में, ‘मैं’ अहंकार तुझ में भूल जाऊँ,
यह ही है ख्वाहिश मेरी।
इस अंधकार भरी दुनिया में, एक किरण रौशनी की मिल जाए, यह ही है ख्वाहिश सबकी।
इस मोह भरी दुनिया में, प्रभु तेरा प्यार मिल जाए, यह ही है ख्वाहिश मेरी।
इस पाप से भरी दुनिया में, एक फल पुण्य का मिल जाए,
यह ही है ख्वाहिश सबकी।
इस खाईशों से भरी दुनिया में, न हो कोई फल की ख्वाहिश,
यह ही है ख्वाहिश मेरी।
- डॉ. हीरा