दुनिया तेरी बडी निराली रे प्रभु, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
छाई है जग में चारों ओर हरियाली, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
काँटों में बरसाए हैं फूल इस जहान में, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
किचड में भी हरबार कमल का फूल मुसकाए, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
पत्थर में भी झील खनकाए, रे प्रभु, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
मध में मदहोश भंवर भरमाए, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
बरसती बारिश में मोर मगन नाचे, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
चाँद के साये में प्रेमी मुसकाए रे प्रभु, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
बागों में भी रंग छलकाए, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
तेरी मुसकान में मदहोश प्रेम छलकाए, दुनिया तेरी बड़ी ही निराली।
- डॉ. हीरा