दीदार करते हैं तेरा प्रभु, कि तू हमें मिल गया।
भटक रहे थे इन काले जंगलों में कि तू हमें मिल गया।
मोड़ ऐसा दिया जिंदगी को तूने, जब तू हमें मिल गया।
कि पहचान ना सके खुद को हम, जब तू हमें मिल गया।
ऐसा रूप सवार दिया तूने हमें, जब तू हमें मिल गया,
कि सुंदर सा ये चहरा जँचे, कि तू हमें मिल गया।
मुस्कुराते हुए हर पल, ये होंठ लगे, कि तू हमें मिल गया।
अब न रूके ये खिलखिलाहट मेरी, कि तू हमें मिल गया।
ऐसे मस्ती में रंग गये हम कि तू हमें मिल गया।
चाहेंगे अब तूझे हर कदम कि तू हमें मिल गया।
- डॉ. हीरा