तुम जो एक बार कहो, हम सौ बार कर जाएँ,
कि तेरे एक इशारे पे, हम खुद को मिटा जाएँ।
तेरी खामोशी में हम सब कुछ समझ जाएँ,
कि तेरी एक आवाज पर हम फनाह हो जाएँ।
जिंदगी एक अजीब मोड़ पे और हम तुझ में रहे,
कि आखिर तेरे प्यार में, हम तुझ से जीत जाएँ।
रस्ता ये नहीं है आसान, हम फिर से गुजर न जाएँ,
कि तेरे प्यार में हम जीते, हम अमर हो जाएँ।
कातिल ये जमाना, तुझपे हम फिर भी मिट जाएँ,
कि तेरी बाहों में हम सदा के लिए सिमट जाएँ।
- डॉ. हीरा