तुझे सताने में आता ही है हमें बडा मज़ा,
कि तुझको सताने के लिए हम हैं बड़े ही बेकरार।
राह देखते तेरी, मस्ती भरे दिल से हम सदा,
कि कभी तो मौका मिले तुझे सताने का भला।
शरारत छेड़ना चाहते हैं हम तुझसे सदा,
कि नादान हम, तुझसे करें न कोई गिला।
हँसते हँसते इस तरंग में आता है बहुत म़जा,
कि मीठी लगे ये शरारत हमें हमारी सदा।
जब तुम भी छेड़ो प्यार के रंग हमारे साथ भला,
तो सजे ये मैहफिल, झूम ये समां।
एक फिर हम एक हो जाएँ, तेरे साथ ही खुदा।
- डॉ. हीरा