तेरी इनायत से ही मिलता है ख़ुदा, तेरा रास्ता।
तेरी इबादत से ही खुलता है ख़ुदा, मेरे दिल का रास्ता।
तेरी खुशामत से मिलता है ख़ुदा, दिल में सुकून का दीया।
तेरी गुलामत से मिलता है ख़ुदा, आज़ादी का नया चहरा।
तेरी तारीफ से मिलता है ख़ुदा, खुदकी पहचान का जिक्र।
तेरी तबलीज से मिलती है ख़ुदा, मेरे हरकतों को तमीज़ का रास्ता।
तेरी बंदगी से मिलता है ख़ुदा, इस बंदे को सच्चा रास्ता।
तेरी चाहत से मिलता है ख़ुदा, तेरे प्रेम का नशा न्यारा।
तेरी महफिल में मिलता है ख़ुदा, तेरा ही नज़राना।
- डॉ. हीरा