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चौराहे पर आकर, ढूंढते हैं सही रास्ता।
तुझे मुस्कराता देख, खोजते हैं सही निशान।
क्या कसूर हमारा, जब भूले भटके रहते हैं हम।
तेरे दर पर आके भी, तुझे खोजते रहते हैं हम।
- डॉ. हीरा
चौराहे पर आकर, ढूंढते हैं सही रास्ता।
तुझे मुस्कराता देख, खोजते हैं सही निशान।
क्या कसूर हमारा, जब भूले भटके रहते हैं हम।
तेरे दर पर आके भी, तुझे खोजते रहते हैं हम।
- डॉ. हीरा
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