प्यार का कोई इजहार नहीं होता, प्यार का कोई इकरार नहीं होता,
प्यार में कोई इंतजार नहीं होता, प्यार का कोई प्रकार नहीं होता,
प्यार में कोई इंतहा नहीं होता, प्यार में तो सिर्फ प्रीत ही होती है।
प्यार में कोई जहान नहीं होता, प्यार खामोशी से नहीं होता,
प्यार में कोई बदनाम नहीं होता, प्यार में कोई जीत नहीं होती,
प्यार में कोई और नहीं होता, प्यार में कोई आकार नहीं होता,
प्यार में खुद की पहचान नहीं होती, प्यार में कोई अलगता नहीं होती,
प्यार में कोई तनहा नहीं होता, प्यार तो खुलेआम ही होता है।
प्यार में न कोई सीमा होती, प्यार में न कोई रीत होती,
प्यार में तो सिर्फ मदहोशी होती है, प्यार तो जश्न ही जश्न होता है
प्यार में कोई पागलपन नहीं होता, प्यार में अपनी पहचान नहीं होती,
प्यार तो सिर्फ प्यार होता, बाकी सब तो सिर्फ चाहतों की बारात होती।
- डॉ. हीरा