कोई मुझे यह समझाए कि जीवन का संदेश क्या है।
कोई मुझे यह बताऐ कि जीवन में आखिर पाया क्या है।
हर एक बात के पीछे छुपा एक राज़ है।
हर एक जीत के पीछे छुपा एक ख्वाब है।
कोई मुझे यह समझाए कि जीवन मे सच्ची प्रीत क्या है।
कोई मुझे यह समझाए कि प्रीत की रीत क्या है।
दिल के मिलन से बनती है सच्ची प्रीत।
उस प्रीत में नहीं है कोई रीत, वही है उसकी रीत।
कोई मुझे यह समझाए के ईश्वर कहाँ हैं।
कोई मुझे यह बतलाए कि ईश्वर का रूप क्या है।
ईश्वर कहाँ नहीं है, हर जगह तो वो ही है।
हर प्रेम में उसका ही तो सच्चा स्वरूप है।
- डॉ. हीरा