Bhajan No. 3060 | Date: 08-Oct-20062006-10-08कौन अपना, कौन पराया जब ये तन ही नहीं अपना/bhajan/?title=kauna-apana-kauna-paraya-jaba-ye-tana-hi-nahim-apanaकौन अपना, कौन पराया जब ये तन ही नहीं अपना,

क्या रिश्ते क्या नाते, जब ये मन ही अपना पराया।

क्या वादे क्या इरादे, जब ये रिश्ते ही हैं पराए,

क्या हकीकत क्या मुसीबत, जब ये समय न दे इज़ाज़त।

क्या पाया, क्या खोया, जब जिंदगी नहीं एक हकीकत,

क्या समझें, क्या समझाएँ, कि समझ समझ में है मिलावट।

क्या हमेशा, क्या अंतिम, अगर खुदा में न मिल जाएँ हमेशा,

कि एक ही हकीकत, एक ही सच्चाई, खुदा ही एक अपना।

कि प्यार करें, रिश्ता जोडें, खुदा तु ही एक अपना नाता।

जन्म जन्म के फेरे लिए मिलने खुदा को, वो हकीकत,

जीवन की यही है मंजिल, ये समझ है अपनी मुहब्बत।


कौन अपना, कौन पराया जब ये तन ही नहीं अपना


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कौन अपना, कौन पराया जब ये तन ही नहीं अपना


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कौन अपना, कौन पराया जब ये तन ही नहीं अपना,

क्या रिश्ते क्या नाते, जब ये मन ही अपना पराया।

क्या वादे क्या इरादे, जब ये रिश्ते ही हैं पराए,

क्या हकीकत क्या मुसीबत, जब ये समय न दे इज़ाज़त।

क्या पाया, क्या खोया, जब जिंदगी नहीं एक हकीकत,

क्या समझें, क्या समझाएँ, कि समझ समझ में है मिलावट।

क्या हमेशा, क्या अंतिम, अगर खुदा में न मिल जाएँ हमेशा,

कि एक ही हकीकत, एक ही सच्चाई, खुदा ही एक अपना।

कि प्यार करें, रिश्ता जोडें, खुदा तु ही एक अपना नाता।

जन्म जन्म के फेरे लिए मिलने खुदा को, वो हकीकत,

जीवन की यही है मंजिल, ये समझ है अपनी मुहब्बत।



- डॉ. हीरा
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kauna apanā, kauna parāyā jaba yē tana hī nahīṁ apanā,

kyā riśtē kyā nātē, jaba yē mana hī apanā parāyā।

kyā vādē kyā irādē, jaba yē riśtē hī haiṁ parāē,

kyā hakīkata kyā musībata, jaba yē samaya na dē ija़āja़ta।

kyā pāyā, kyā khōyā, jaba jiṁdagī nahīṁ ēka hakīkata,

kyā samajhēṁ, kyā samajhāēm̐, ki samajha samajha mēṁ hai milāvaṭa।

kyā hamēśā, kyā aṁtima, agara khudā mēṁ na mila jāēm̐ hamēśā,

ki ēka hī hakīkata, ēka hī saccāī, khudā hī ēka apanā।

ki pyāra karēṁ, riśtā jōḍēṁ, khudā tu hī ēka apanā nātā।

janma janma kē phērē liē milanē khudā kō, vō hakīkata,

jīvana kī yahī hai maṁjila, yē samajha hai apanī muhabbata।

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