जो कहते हैं, क्या आप वही सुनते हैं?
जो बोलते हैं, क्या वो ही आप समझते हैं?
हाल दिल का, क्या आप सही समझते हैं?
यही हाल है इस जगत का, कि कुछ और ही सोचता हैं।
बिन कहे ही सब कुछ समझ जाते हैं।
और जो कहा, उसे अपने ही अंदाज में पेश करते हैं।
प्रभु करें भी तो क्या करें, चुप होके बैठ जाते हैं।
न जाने वो क्या बोले और लोग क्या समझते हैं।
इसलिए ही वह अपने ही सरताज में खो जाता है।
- डॉ. हीरा