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तेरे दर पर आके, तुझे बदनाम करते हैं,
तेरे प्रेम को पाकर, तुझसे आरजू रखते हैं,
तेरे गुलीस्तान में छुपकर, तुझसे मोहब्बत करते हैं,
आखिर क्या करते हैं, बस अपने आप को दगा देते हैं।
- डॉ. हीरा
तेरे दर पर आके, तुझे बदनाम करते हैं,
तेरे प्रेम को पाकर, तुझसे आरजू रखते हैं,
तेरे गुलीस्तान में छुपकर, तुझसे मोहब्बत करते हैं,
आखिर क्या करते हैं, बस अपने आप को दगा देते हैं।
- डॉ. हीरा
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