सुनहरे पलों की गुस्ताखियाँ भी कोई गुस्ताखियाँ हैं?
जीवन की राह में कोई अपना भी कोई बेगाना है?
अंतर के तार की कविता भी कोई देखा-देखी है?
सच्चे प्रेमी का नग़म भी कोई परेशानी है?
- डॉ. हीरा
सुनहरे पलों की गुस्ताखियाँ भी कोई गुस्ताखियाँ हैं?
जीवन की राह में कोई अपना भी कोई बेगाना है?
अंतर के तार की कविता भी कोई देखा-देखी है?
सच्चे प्रेमी का नग़म भी कोई परेशानी है?
- डॉ. हीरा
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