Bhajan No. 2934 | Date: 28-Oct-20042004-10-28चंचल ये मन इतना, चाहता है नया कुछ हर बार/bhajan/?title=chanchala-ye-mana-itana-chahata-hai-naya-kuchha-hara-baraचंचल ये मन इतना, चाहता है नया कुछ हर बार,

और गुँठता रहता है, इच्छाओं का असीम पहाड़।

जानता है कि फिर से न जाने कितने जन्म मिलेंगे,

फिर भी छोड़ता नहीं ये रटन अपना हर एक बार।

चाहतों के मेले में खोता जाता है वो और भी गहरा,

कि नई चाहत बनाता है, वो आसानी से एक बार।

फिर ग़म हो या खुशी, वो तो अपनी चाहत में खोता,

और हर पल लगे उसे जैसे बीते हैं कई साल।

आत है न हमारे काबू में, बजाय है हम उसके काबू में,

गुलामी हमसे करवाता, फिर भी कहते हैं चाहत हो जाए एक बार।


चंचल ये मन इतना, चाहता है नया कुछ हर बार


Home » Bhajans » चंचल ये मन इतना, चाहता है नया कुछ हर बार
  1. Home
  2. Bhajans
  3. चंचल ये मन इतना, चाहता है नया कुछ हर बार

चंचल ये मन इतना, चाहता है नया कुछ हर बार


View Original
Increase Font Decrease Font


चंचल ये मन इतना, चाहता है नया कुछ हर बार,

और गुँठता रहता है, इच्छाओं का असीम पहाड़।

जानता है कि फिर से न जाने कितने जन्म मिलेंगे,

फिर भी छोड़ता नहीं ये रटन अपना हर एक बार।

चाहतों के मेले में खोता जाता है वो और भी गहरा,

कि नई चाहत बनाता है, वो आसानी से एक बार।

फिर ग़म हो या खुशी, वो तो अपनी चाहत में खोता,

और हर पल लगे उसे जैसे बीते हैं कई साल।

आत है न हमारे काबू में, बजाय है हम उसके काबू में,

गुलामी हमसे करवाता, फिर भी कहते हैं चाहत हो जाए एक बार।



- डॉ. हीरा
Lyrics in English Increase Font Decrease Font


caṁcala yē mana itanā, cāhatā hai nayā kucha hara bāra,

aura gum̐ṭhatā rahatā hai, icchāōṁ kā asīma pahāḍa़।

jānatā hai ki phira sē na jānē kitanē janma milēṁgē,

phira bhī chōḍa़tā nahīṁ yē raṭana apanā hara ēka bāra।

cāhatōṁ kē mēlē mēṁ khōtā jātā hai vō aura bhī gaharā,

ki naī cāhata banātā hai, vō āsānī sē ēka bāra।

phira ga़ma hō yā khuśī, vō tō apanī cāhata mēṁ khōtā,

aura hara pala lagē usē jaisē bītē haiṁ kaī sāla।

āta hai na hamārē kābū mēṁ, bajāya hai hama usakē kābū mēṁ,

gulāmī hamasē karavātā, phira bhī kahatē haiṁ cāhata hō jāē ēka bāra।

Previous
Previous Bhajan
જ્યાં છે તું, ત્યાં છું હું, તારા વિના ના હું છું
Next

Next Bhajan
कश्मकश ये दुनिया के लोगों की
 
Previous
Previous Hindi Bhajan
बिन पीए ही जाम पिला दिया
Next

Next Hindi Bhajan
कश्मकश ये दुनिया के लोगों की
चंचल ये मन इतना, चाहता है नया कुछ हर बार
First...965966...Last

Contact by Postal Address

Bhaav Samadhi Vichaar Samadhi

A5, Jay Chambers,

Nanda Patkar Road Extension,

Vile Parle (E), Mumbai-400057.

+91 - 22 - 26171392

+91 - 9004545529

info@myinnerkarma.org

Also Available In

Follow US

kakabhajans.org

mydivinelove.org